मालूम नहीं
आज दिनांक १९.६.२४ को मेरी प्रस्तुति,
मालूम नहीं
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नेताओं का ये बहाना है,हमको तो ये मालूम नहीं।
अभी संज्ञान मे हमारे है नहीं ये कैसे हुआ,मालुम नहीं।
मन्त्री तो बन बैठे हैं ,देश का कुछ मालूम नहीं,
न मालूम कितना विदेश मे रहते हैं,ये भी उनको ज्ञात नहीं।।
खर्चा विदेष यात्रा, घुमने का सब ही तो जनता करती है। खर्च हुआ है साल का कितना हिसाब हुकूमत रखती है।।
नेताओं को इस बात की जानकारी भी याद नहीं।
एक ही उत्तर होता उनका यह सब तो हमें मालूम नहीं।।
आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़